श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी भारत के 14वें प्रधानमन्त्री हैं। वह वाराणसी से संसद सदस्य हैं। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार वर्ष 2001 से 2014 तक 13 वर्षों के लिए सम्भाला। नरेन्द्र मोदी साहसिक, दृढ़ और सुधारवादी फैसले लेने के लिए लोकप्रिय है।
नरेन्द्र मोदी 8 वर्ष की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य बनें। 1971 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक सदस्य बनें। उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की।
1985 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े। 1985 से 2001 तक भाजपा में कई पदों पर कार्य किया, कई ज़िम्मेदारियाँ सफलतापूर्वक निभाई।
गुजरात के 14 वें मुख्यमंत्री बनें। दिनाँक 07 अक्टूबर 2001 से 22 मई 2014 दिनाँक तक गुजरात के सफल मुख्यमंत्री के पद पर आरूढ़ रहें।
इस कार्यकाल के दौरान नरेन्द्र मोदी ने पंचामृत योजना, सुजलाम सुफलाम योजना, कृषि महोत्सव, चिरंजीवी योजना, मातृवन्दना, बेटी बचाओ योजना, ज्योति गमन योजना, कर्म योगी योजना, कन्या कलावाणी योजना, आवास योजना, बाल भोग योजना, वन बंधु विकास योजना आदि कई योजनाओं को सफल रूप से प्रारंभ किया।
दिनाँक 13-सितम्बर-2013 को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए गए। दिनाँक 26 मई 2014 को उन्होंने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
प्रधानमन्त्री के कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी ने जन-धन योजना, आवास योजना, मुद्रा योजना, आयुष्मान भारत, सौभाग्य योजना, उज्जवला योजना, स्वछता मिशन, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, मिशन इन्द्रधनुष, कर सुधार (जीएसटी) एवं कई अन्य योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया।
श्री नरेन्द्र मोदी की कुण्डली में तुला लग्न उदित है एवं लग्नाधिपति (ग्रह स्वामी) शुक्र लाभ स्थान (ग्यारहवें ग्रह) में स्थापित है। चन्द्र नीच अवस्था में धन भाव (दूसरे ग्रह) में है, मंगल स्वग्रही हो कर धन भाव में चन्द्र के साथ युति बना रहा है। बुध उच्च अवस्था का है और स्वग्रही हो कर व्यय भाव में अन्य ग्रहों (सूर्य, केतु एवं नेपच्यून) के साथ युति बना रहा है। शनि अस्त होकर दुर्बलता के साथ लाभ भवन में लग्नेश के साथ युति में है। लग्नेश शुक्र वर्गोतमी है।
रवि योग, गजकेसरी योग, पोशी योग, बुधादित्य योग, शंख योग, भेरी योग, पारिजात योग, लक्ष्मी योग, वरिष्ठ योग, राजयोग, दीर्घायु योग, बुद्धिशाली योग, भाग्यशाली योग, केदार योग, केमद्रुम भंग योग, सफल अमल कीर्ति योग, पापकर्तरी योग, नीचभंग राजयोग, केनू त्रिकोण राजयोग, विमल योग, धन योग, स्ववीर्य धनयोग, कर्मजीव योग, गरुड़ योग, देहास्थुल्य योग, सुमुख योग, भातृवृद्धि योग, पराक्रम योग, बंधुपूज्य योग, मातृ दीर्घायुर्योग, मातृस्नेह योग, वाहन योग, भाग्य योग, सत्कीर्ति योग, अरिष्ट भंग योग, पूर्णायु योग, चतुश्र्चक्र योग जैसे महाशुभ योग है। इनमें कई प्रकार के राजयोग एवं दीर्घायु योग विराजमान हैं।
कुण्डली में कुछ अशुभ फल देने वाले योग निम्नवत है-
नरेन्द्र मोदी की कुण्डली में कुछ ऐसे योग भी हैं जो समान प्रकार के फल देने में समर्थ है जैसे कि आकृति-वापी योग, चन्द्र-मंगल योग, मध्य आयु योग, मुकबधिरांध योग एवं शुक्र-शनि योग।
श्री नरेन्द्र मोदी की कुण्डली में कुछ अशुभ योग भी हैं, पर जब शुभ बलवान योग प्रमुख होते हैं तो अशुभ योग का प्रभुत्व कम हो जाता है।
केमद्रुम योग, निर्भाग्य योग, विष प्रयोग योग, वंचन चोर भीति योग, देह कष्ट योग, कृसंग योग, परान्न भोजन योग, अरिष्ट योग, दरिद्र योग, अरिष्ट मति भ्रम योग जैसे कुछ अशुभ योग हैं।
चन्द्र की महादशा दिनाँक 12 फरवरी 2013 से 12 फरवरी 2023 तक है। जिसमें दिनाँक 13 दिसम्बर 2018 से 14 मई 2020 तक बुध की अंतर्दशा है। कुण्डली में बुध चन्द्र से ग्यारहवें भाव में है जो राज्य, सम्मान, धन वृद्धि, सुख की वृद्धि एवं अनेकानेक सुख प्रदान करेगा। साथ में अच्छे फल की प्राप्ति हेतु बुध उच्च अवस्था का और स्वग्रही भी है जो आपकी कुण्डली के शुभ फलों में ऐसी वृद्धि कर रहा है जैसे स्वर्ण में सुगंध मिलती है।
दिनाँक 27 मार्च 2019 से दिनाँक 21 जून 2019 तक शुक्र की प्रत्यन्तर्दशा है तथा दिनाँक 17 जुलाई 2019 से दिनाँक 29 अगस्त 2019 तक चन्द्र की प्रत्यन्तर्दशा है। अतः फलस्वरूप इन समय के भीतर यदि चुनाव घोषित हुआ या आया तो आपको इस समय का पूर्ण लाभ मिलेगा।
ग्रह गोचर देखें तो लंबे समय के ग्रह गुरु महाराज वर्ष प्रारंभ में वृश्चिक राशि में विचरण कर रहे हैं जो आपकी चन्द्र कुण्डली में प्रथम भवन में है, व दिनाँक 29 मार्च 2019 से धनु राशि में आएगा अर्थात आपकी राशि से दूसरे स्थान पर विचरण करेगा। दिनाँक 23 अप्रैल 2019 से गुरु वक्री होकर पुनः वृश्चिक राशि में आएगा एवं दिनाँक 05 नवम्बर 2019 से पुनः मार्गी होकर धनु राशि में आएगा।
गुरु का विचरण आपको अज्ञात भय, स्थानच्युति की आशंका, अनावश्यक धन व्यय, बुद्धि भ्रम, गलत निर्णय व गुप्त शत्रुओं की वृद्धि करवाएगा, तो वहीँ आपकी राशि में रह रहा वक्री गुरु आपके भाग्य को उत्साहित भी करेगा, यहां धार्मिक आश्रय आपको उन्नति करा सकता है।
शनि महाराज का विचरण समग्र वर्ष आपकी राशि में दूसरे स्थान में रहेगा। अन्य शब्दों में कहें तो साढ़ेसाती का अंतिम पाद रजत का है। जो आपके लिए प्रभावक्षेत्र में एवं राजपक्ष से सम्मान दायक है।
राहु महाराज वर्ष प्रारंभ में कर्क राशि में है जो आपकी राशि से नौवें स्थान में है। जो कुछ अशुभ फल का सूचन करता है। दिनाँक 07 मार्च 2019 से राहु महाराज आप के आठवें स्थान में आएँगे। राहु का मिथुन राशि का विचरण भी आपको गोचरीय शुभ फल का सूचन नहीं कर रहा है।
सामने वाले उम्मीदवार की कुण्डली के ग्रह मान क्या है? चुनाव की निश्चित दिनाँक और चन्द्र कुण्डली (गोचर) के ग्रह मान? क्या भारत के प्रधानमंत्री पद पर नरेन्द्र मोदी पुनः आरूढ़ होंगे?
नरेन्द्र मोदी की कुण्डली में राजयोग के लगभग सभी महत्वपूर्ण योग उपस्थित हैं। नरेन्द्र मोदी की कुण्डली में वह सारे गुण है, जो एक श्रेष्ठ पुरुष की कुण्डली में होने चाहिए। कुण्डली की महादशा-अंतर्दशा-प्रत्यन्तर्दशा (शुक्र एवं चन्द्र) भी नरेन्द्र मोदी के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है। चुनाव कौन सी दिनाँक को होगा यह जानना अभी बाकी है। चुनाव की घोषणा के दिन के ग्रह गोचर के बिना यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि चुनाव परिणाम कैसा रहेगा? चुनाव की घोषणा के दिन के ग्रह गोचर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। क्या उस वक्त के ग्रह गोचर नरेन्द्र मोदी का साथ देगें? हम अपना विशलेषण चुनावों की घोषणा के बाद पुनः अपडेट (अद्यतन) करेंगे। लोकसभा चुनाव 2019 का अंतिम फैसला तो काल (समय) ही बताएगा।
रामायण को लेकर एक सुन्दर कहावत है, कि श्री रामचन्द्र भगवान के ज्योतिषी ऋषि श्री वशिष्ठ जी ने श्री राम राज्य अभिषेक के लिए समग्र तैयारी की थी। किन्तु श्रीराम भगवान को वनवास हुआ था, इसीलिए कहा जाता है कि-
ना जाना जानकी नाथ ने सुबह क्या होने वाला है।